- Special FeaturesFoundation Year1957Sthala TreeTheerthamRathamtrueArchitectureOther Speciality(सिद्दश्रीविश्वमंगल हनुमान धाम तारखेड़ी) स्वयम्भू प्रगट प्रभु ने पूज्य गुरुदेव श्रीरामप्रपन्नजी अग्राचार्य को स्वप्न अवस्था में स्वयं की उपस्थिति को दर्शाया तब स्वयं गुरुदेव ने उस स्थान पर खुदाई कर अपने प्रियतम प्रभु को जमीन से निकाला और स्वयं गुरुदेव ने पंचकुण्डात्मक श्रीराम मारुति यज्ञ 08/05/1957 से प्रारम्भ कर 12/05/1957 ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा कर स्वयं की साधना स्थली (तपोभूमि) पर स्वयं के द्वारा ही प्रति मंगलवार, आश्विन एवं चैत्र नोरात्री, गुरुपूर्णिमा, हनुमानजयंती को अभिषेक, चोला, पूजन, सुंदरकांड, ध्यानयोग, यज्ञ, मंगलआरती की सेवा प्राणिमात्र के कल्याण हेतु प्रारम्भ की ओर धाम की इसी साधना को अपने ज्येष्ठ पुत्र को प्रदत्त करते हुए दिनांक 25/09/1990 मंगलवार को स्थूल शरीर को त्यागकर सूक्ष्म शरीर मे लीन हो गए अतः ऐसे सिद्ध गरूदेव द्वारा प्रदत्त साधना में अभिषेक चोला, पूजन, सुंदरकांड, ध्यानयोग, यज्ञ, मंगल आरती की सेवा के साथ आप गरूदेव द्वारा स्थापित श्रीविश्वमंगल धाम के शिवालय में रुद्र अभिषेक, पूजन यज्ञ, महामृत्युंजय जप, मंगल आरती की सेवा में अवश्य सहभागी बने।
- Sthala Puran(सिद्दश्रीविश्वमंगल हनुमान धाम तारखेड़ी) स्वयम्भू प्रगट प्रभु ने पूज्य गुरुदेव श्रीरामप्रपन्नजी अग्राचार्य को स्वप्न अवस्था में स्वयं की उपस्थिति को दर्शाया तब स्वयं गुरुदेव ने उस स्थान पर खुदाई कर अपने प्रियतम प्रभु को जमीन से निकाला और स्वयं गुरुदेव ने पंचकुण्डात्मक श्रीराम मारुति यज्ञ 08/05/1957 से प्रारम्भ कर 12/05/1957 ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा कर स्वयं की साधना स्थली (तपोभूमि) पर स्वयं के द्वारा ही प्रति मंगलवार, आश्विन एवं चैत्र नोरात्री, गुरुपूर्णिमा, हनुमानजयंती को अभिषेक, चोला, पूजन, सुंदरकांड, ध्यानयोग, यज्ञ, मंगलआरती की सेवा प्राणिमात्र के कल्याण हेतु प्रारम्भ की ओर धाम की इसी साधना को अपने ज्येष्ठ पुत्र को प्रदत्त करते हुए दिनांक 25/09/1990 मंगलवार को स्थूल शरीर को त्यागकर सूक्ष्म शरीर मे लीन हो गए अतः ऐसे सिद्ध गरूदेव द्वारा प्रदत्त साधना में अभिषेक चोला, पूजन, सुंदरकांड, ध्यानयोग, यज्ञ, मंगल आरती की सेवा के साथ आप गरूदेव द्वारा स्थापित श्रीविश्वमंगल धाम के शिवालय में रुद्र अभिषेक, पूजन यज्ञ, महामृत्युंजय जप, मंगल आरती की सेवा में अवश्य सहभागी बने।
- Architecture(सिद्दश्रीविश्वमंगल हनुमान धाम तारखेड़ी) स्वयम्भू प्रगट प्रभु ने पूज्य गुरुदेव श्रीरामप्रपन्नजी अग्राचार्य को स्वप्न अवस्था में स्वयं की उपस्थिति को दर्शाया तब स्वयं गुरुदेव ने उस स्थान पर खुदाई कर अपने प्रियतम प्रभु को जमीन से निकाला और स्वयं गुरुदेव ने पंचकुण्डात्मक श्रीराम मारुति यज्ञ 08/05/1957 से प्रारम्भ कर 12/05/1957 ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा कर स्वयं की साधना स्थली (तपोभूमि) पर स्वयं के द्वारा ही प्रति मंगलवार, आश्विन एवं चैत्र नोरात्री, गुरुपूर्णिमा, हनुमानजयंती को अभिषेक, चोला, पूजन, सुंदरकांड, ध्यानयोग, यज्ञ, मंगलआरती की सेवा प्राणिमात्र के कल्याण हेतु प्रारम्भ की ओर धाम की इसी साधना को अपने ज्येष्ठ पुत्र को प्रदत्त करते हुए दिनांक 25/09/1990 मंगलवार को स्थूल शरीर को त्यागकर सूक्ष्म शरीर मे लीन हो गए अतः ऐसे सिद्ध गरूदेव द्वारा प्रदत्त साधना में अभिषेक चोला, पूजन, सुंदरकांड, ध्यानयोग, यज्ञ, मंगल आरती की सेवा के साथ आप गरूदेव द्वारा स्थापित श्रीविश्वमंगल धाम के शिवालय में रुद्र अभिषेक, पूजन यज्ञ, महामृत्युंजय जप, मंगल आरती की सेवा में अवश्य सहभागी बने।
- Alankar of Deity
- Prayers and BenefitsSpecial Vratas and Prayers
(सिद्दश्रीविश्वमंगल हनुमान धाम तारखेड़ी) स्वयम्भू प्रगट प्रभु ने पूज्य गुरुदेव श्रीरामप्रपन्नजी अग्राचार्य को स्वप्न अवस्था में स्वयं की उपस्थिति को दर्शाया तब स्वयं गुरुदेव ने उस स्थान पर खुदाई कर अपने प्रियतम प्रभु को जमीन से निकाला और स्वयं गुरुदेव ने पंचकुण्डात्मक श्रीराम मारुति यज्ञ 08/05/1957 से प्रारम्भ कर 12/05/1957 ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा कर स्वयं की साधना स्थली (तपोभूमि) पर स्वयं के द्वारा ही प्रति मंगलवार, आश्विन एवं चैत्र नोरात्री, गुरुपूर्णिमा, हनुमानजयंती को अभिषेक, चोला, पूजन, सुंदरकांड, ध्यानयोग, यज्ञ, मंगलआरती की सेवा प्राणिमात्र के कल्याण हेतु प्रारम्भ की ओर धाम की इसी साधना को अपने ज्येष्ठ पुत्र को प्रदत्त करते हुए दिनांक 25/09/1990 मंगलवार को स्थूल शरीर को त्यागकर सूक्ष्म शरीर मे लीन हो गए अतः ऐसे सिद्ध गरूदेव द्वारा प्रदत्त साधना में अभिषेक चोला, पूजन, सुंदरकांड, ध्यानयोग, यज्ञ, मंगल आरती की सेवा के साथ आप गरूदेव द्वारा स्थापित श्रीविश्वमंगल धाम के शिवालय में रुद्र अभिषेक, पूजन यज्ञ, महामृत्युंजय जप, मंगल आरती की सेवा में अवश्य सहभागी बने।
Offerings to DeityStotras and Mantras(सिद्दश्रीविश्वमंगल हनुमान धाम तारखेड़ी) स्वयम्भू प्रगट प्रभु ने पूज्य गुरुदेव श्रीरामप्रपन्नजी अग्राचार्य को स्वप्न अवस्था में स्वयं की उपस्थिति को दर्शाया तब स्वयं गुरुदेव ने उस स्थान पर खुदाई कर अपने प्रियतम प्रभु को जमीन से निकाला और स्वयं गुरुदेव ने पंचकुण्डात्मक श्रीराम मारुति यज्ञ 08/05/1957 से प्रारम्भ कर 12/05/1957 ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा कर स्वयं की साधना स्थली (तपोभूमि) पर स्वयं के द्वारा ही प्रति मंगलवार, आश्विन एवं चैत्र नोरात्री, गुरुपूर्णिमा, हनुमानजयंती को अभिषेक, चोला, पूजन, सुंदरकांड, ध्यानयोग, यज्ञ, मंगलआरती की सेवा प्राणिमात्र के कल्याण हेतु प्रारम्भ की ओर धाम की इसी साधना को अपने ज्येष्ठ पुत्र को प्रदत्त करते हुए दिनांक 25/09/1990 मंगलवार को स्थूल शरीर को त्यागकर सूक्ष्म शरीर मे लीन हो गए अतः ऐसे सिद्ध गरूदेव द्वारा प्रदत्त साधना में अभिषेक चोला, पूजन, सुंदरकांड, ध्यानयोग, यज्ञ, मंगल आरती की सेवा के साथ आप गरूदेव द्वारा स्थापित श्रीविश्वमंगल धाम के शिवालय में रुद्र अभिषेक, पूजन यज्ञ, महामृत्युंजय जप, मंगल आरती की सेवा में अवश्य सहभागी बने।
- FestivalsHanuman JanmotsavShree Vishvmangal Hanuman Dham Tarkhedi , Dist - Jhabua स्थान पर हनुमान जन्मोत्सव की विशेष सेवा प्रातः 4 बजे से दोपहर 2 बजे तक होती है ।Guru Purnimaस्थान पर गुरु पूर्णिमा की विशेष सेवा प्रातः 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक होती है ।Navratriवर्ष की दोनो नवरात्रि में प्रतिदिन मालिक विश्वमंगल हनुमान जी महाराज की सेवा प्रातः 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक होती है ।
- Sodasha Upcharas
- Prasadhasस्थान पर मालिक श्री विश्वमांगल हनुमान जी महाराज की नैवेधित प्रसादी उपलब्ध है ।
- Social ActivitiesAnnadhanMarriageEar BoringHead ShaveDanaasEducation FacilitiesSocial DrivesOther Activities
- Arjita Seva
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