- Special FeaturesFoundation Yearमहाभारत काल से पूर्व निर्माणSthala TreeTheerthamमाता शाकम्भरी देवी सिद्धपीठ उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले मे एक सिद्ध स्थान है। पूरे भारत मे यह भगवती शाकम्भरी देवी का सबसे प्राचीन मंदिर है। उत्तर प्रदेश की शिवालिक पर्वत श्रृंखला की प्रथम शिखा पर माँ भगवती ने सौ दिव्य वर्षों तक तपस्या की थी। तपस्या करने से पहले माता भगवती ने शाक से प्राणियों का भरण पोषण किया था लेकिन दुर्गम असुर के साथ हुए भयंकर युद्ध के कारण इस क्षेत्र की सारी हरियाली नष्ट हो गयी थी। उस समय यह स्थान निर्जन और निर्जीव बन गया था यहाँ पानी तक नही था। माता की तपस्या का ऐसा प्रभाव हुआ की यहाँ पुनः शाक और वनस्पतियाँ उग गयी। इस तपस्या के फलस्वरूप ऋषि- मुनि पुनः माता का चमत्कार देखने शाकम्भर तीर्थ आये। माता ने उनका आतिथ्य भी शाक से ही किया। जिसका अभिप्राय यह है कि माता केवल शाकाहारी भोजन का ही भोग ग्रहण करती है। यह स्थान सहारनपुर जिले मे स्थित शाकंभरी क्षेत्र ही है। तभी से माता का नाम शाकंभरी पड गया। इसका उल्लेख स्कंद पुराण के श्लोकों मे है। "RathamfalseArchitectureOther Speciality
- Sthala Puranस्कंद पुराण, मारकंडे पुराण, शिव पुराण, ब्रह्म पुराण, देवी पुराण, महाभारत
- Architectureमहाभारत काल के बाद घने जंगलों मे जीर्ण- शीर्ण होने के कारण मराठों द्वारा पुनः जीर्णोद्धार और बाद मे जसमौर रियासत के राजाओं द्वारा जीर्णोद्धार जिससे प्राचीन ढांचा लुप्त हो गया है।
- Alankar of Deityचारों माताओं भीमा, भ्रामरी, शताक्षी और शाकम्भरी सहित गणपति के वस्त्र और अलंकार
- Prayers and BenefitsSpecial Vratas and Prayersतीन दिन तक शाकम्भरी देवी क्षेत्र मे निवास करने पर ब्रह्मचर्य से ध्यान परायण कर बारह वर्ष की शाकाहारी तपस्या का फल मिलता है। शाकम्भरी देवी का ध्यान पूजन स्तुति और नमस्कार करने वाला प्राणी शीघ्र ही अन्न, पान, फल और अमृतरूपी अक्षय फल पाता है। शाकम्भरी देवी विशोका, दुष्टदमनी, शमनी, उमा, गौरी कालिका और विपत्तियों का विनाश करने वाली पार्वती है। ये माता ही शताक्षी, दुर्गा और भीमा, भ्रामरी है।Offerings to DeityStotras and Mantras
- Festivals
- Sodasha Upcharas
- Prasadhasशाक, सराल, हरी सब्जी, हलवा- पूरी, नारियल चुन्नी, खील बताशे, मेवा, मिश्री आदि
- Social ActivitiesAnnadhanMarriageEar BoringHead ShaveDanaasEducation FacilitiesSocial DrivesOther Activities
- Arjita Seva
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